ऊंट(camel) मध्य एशिया और उत्तरी अफ्रीका के गरम रेगिस्तानी इलाकों में पाए जाते हैं।यहां रहने वाले लोग ऊंट(camel) को लगभग 5000 सालों से घरेलू प्राणी के रुप में उपयोग करते आ रहे है।ऊंट(camel) यहां के लोगों के लिए वरदान स्वरुप है क्योंकि ऊंट का उपयोग यहां लोग केवल माल सामान को लाने व ले जाने के लिए नहीं करते बल्कि इनके दूध,मांस के द्वारा अपने घरों का पालन पोषण करते हैं।
ऊंट(camel) को धरती का सबसे यूनिक प्राणी माना जाता है क्योंकि ऊंट रेगिस्तान जैसे इलाकों जहां पानी और भोजन दोनों की कमी होती है,वहां यह आराम से कई दिनों तक अपना जीवन व्यापन कर सकता है। ऊंट प्रायः अफ्रीका के इलाकों में इधर-उधर घूमते हुए दिखाई देते हैं।
आज जंगलों में लगभग ऊंट गायब हो चुके हैं,लेकिन ऊंटो की घरेलू जानवरों के रूप में संख्या बढ़ती जा रही है। गर्म और सूखे और जहां पानी की अत्यधिक कमी होती है वहां जीवन व्यापन के लिए ऊंटो(camel) में बहुत से अनुकूलता पाए जाते हैं-जैसे उनके शरीर पर भूरे लेकिन छोटे घने दार रोएं होते है,जो इन्हें रेगिस्तान की कड़कती धूप से बचाती है। इनकी मोटी त्वचा केवल दिन में सूर्य की गर्मी से नहीं बचाता बल्कि कड़कड़ाती ठंड से भी बचाता है। इनकी लंबी टांगे इनके शरीर के अन्य भागों और जमीन के बीच काफी अंतर डाल देती हैं,जिससे इनके शरीर के अन्य भागों पर गर्मी का प्रभाव बहुत ही कम होता है और ये अपनी लंबी टांगों की मदद से गर्म रेतीली जमीन पर तेजी से दौड़ सकते हैं।
ऊंटों से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां- ऊंटो को प्राणी जगत के संघ कार्डेटा और वर्ग स्तनधारियों में समाविष्ट किया गया है। इन का वैज्ञानिक नाम Camelus dromedarius है। ऊंटो कि केवल एक ही जाति पाई जाती है। ऊंटों(camel) की लंबाई लगभग 2.2 मीटर से लेकर 3.5 मीटर के बीच होता है। इनका वजन लगभग 330 किलोग्राम से लेकर 690 किलोग्राम के बीच होता है। ऊंट(camel) रेतीली जमीन पर लगभग 48 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकते हैं। ऊंट लगभग 10 महीने तक बिना पानी पिए रह सकते हैं।
ऊंट(camel) को धरती का सबसे यूनिक प्राणी माना जाता है क्योंकि ऊंट रेगिस्तान जैसे इलाकों जहां पानी और भोजन दोनों की कमी होती है,वहां यह आराम से कई दिनों तक अपना जीवन व्यापन कर सकता है। ऊंट प्रायः अफ्रीका के इलाकों में इधर-उधर घूमते हुए दिखाई देते हैं।
आज जंगलों में लगभग ऊंट गायब हो चुके हैं,लेकिन ऊंटो की घरेलू जानवरों के रूप में संख्या बढ़ती जा रही है। गर्म और सूखे और जहां पानी की अत्यधिक कमी होती है वहां जीवन व्यापन के लिए ऊंटो(camel) में बहुत से अनुकूलता पाए जाते हैं-जैसे उनके शरीर पर भूरे लेकिन छोटे घने दार रोएं होते है,जो इन्हें रेगिस्तान की कड़कती धूप से बचाती है। इनकी मोटी त्वचा केवल दिन में सूर्य की गर्मी से नहीं बचाता बल्कि कड़कड़ाती ठंड से भी बचाता है। इनकी लंबी टांगे इनके शरीर के अन्य भागों और जमीन के बीच काफी अंतर डाल देती हैं,जिससे इनके शरीर के अन्य भागों पर गर्मी का प्रभाव बहुत ही कम होता है और ये अपनी लंबी टांगों की मदद से गर्म रेतीली जमीन पर तेजी से दौड़ सकते हैं।
ऊंटों से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां- ऊंटो को प्राणी जगत के संघ कार्डेटा और वर्ग स्तनधारियों में समाविष्ट किया गया है। इन का वैज्ञानिक नाम Camelus dromedarius है। ऊंटो कि केवल एक ही जाति पाई जाती है। ऊंटों(camel) की लंबाई लगभग 2.2 मीटर से लेकर 3.5 मीटर के बीच होता है। इनका वजन लगभग 330 किलोग्राम से लेकर 690 किलोग्राम के बीच होता है। ऊंट(camel) रेतीली जमीन पर लगभग 48 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकते हैं। ऊंट लगभग 10 महीने तक बिना पानी पिए रह सकते हैं।
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