आज विश्व भर में घोड़ों को कई उद्देश्यों से पाला जाता है, जैसे-माल-सामानों को लाने व ले जाने के लिए और घुड़सवारी के लिए।घोड़ों का उद्भव लगभग 50 मिलियन वर्ष पहले हुआ था ऐसा माना जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार घोड़ों की उम्र लगभग 30 वर्ष नोट की गई है, लेकिन अब तक सबसे लंबा जीवन जीने वाला घोड़े की उम्र 56 वर्ष है, जिसकी मृत्यु 2007 में हुई। मादा को घोड़ी कहा जाता है, जवान मादा को बछड़ी कहा जाता है। घोड़ों की उम्र उसके मुंह में लगे दांतो की पैटर्न की मदद से उसके उम्र का अंदाजा लगाया जा सकता है। घोड़ों में 360 डिग्री तक सुनने की अद्भुत क्षमता विकसित होती है। घोड़ों में सुनने की क्षमता मनुष्य से कई गुना अधिक होती है। रात में घोड़ों की देखने की क्षमता मनुष्य से कई गुना अधिक होती है। घोड़ों में स्वाद परखने की क्षमता खूब अच्छी तरह से विकसित हुई होती है, जिसकी मदद से घोड़े आराम से घास और अनाज में फर्क को समझ लेते हैं। घोड़े पौधों को नहीं खाते क्योंकि ये जहरीली होते हैं, लेकिन खुराक का और कोई विकल्प ना होने पर घोड़े इन पौधों को भी खा लेते हैं।
घोड़ो से जुड़ी कुछ खास बाते - घोड़ों का वैज्ञानिक नाम Equus Caballus है। घोड़ों का आकार लगभग 142 से लेकर 364 सेंटीमीटर के बीच होता है। वजन की बात करें तो घोड़े लगभग 380 किलोग्राम से लेकर 550 किलोग्राम जितने वजनी हो सकते हैं। घोड़ों की जमीन पर दौड़ने की क्षमता लगभग 64 किलोमीटर प्रति घंटा आंकी गई है।
घोड़ो से जुड़ी कुछ खास बाते - घोड़ों का वैज्ञानिक नाम Equus Caballus है। घोड़ों का आकार लगभग 142 से लेकर 364 सेंटीमीटर के बीच होता है। वजन की बात करें तो घोड़े लगभग 380 किलोग्राम से लेकर 550 किलोग्राम जितने वजनी हो सकते हैं। घोड़ों की जमीन पर दौड़ने की क्षमता लगभग 64 किलोमीटर प्रति घंटा आंकी गई है।
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