बकरियों का उद्भव एशिया और पूर्वी यूरोप के पहाड़ी इलाकों से हुआ है। आज बकरियों को कई उद्देश्यों को पूरा करने के लिए पाला जाता है।ऐसा माना जाता है कि बकरियां भेड़ों से मिलती-जुलती हैं।हजारों सालों से बकरियों का उपयोग उनसे दूध प्राप्त करने मास और उनकी त्वचा आदि के लिए पाला जा रहा है। कुछ देशों में तो बकरियों का उपयोग माल-समान को लाने व ले जाने के लिए करते हैं।नर बकरियों के सिर पर सिंग होते हैं।नर बकरियों के सिंग केरटीन से बने होते हैं। नर इन सिंगो का उपयोग अपने से प्रभावी नर से सुरक्षा प्राप्त करने और परभक्षियों से बचने के लिए करते हैं। बकरियां कई परभक्षियों के लिए प्राकृतिक रूप से प्राप्त शिकार हैं, जैसे-तेंदुए, सियार और मनुष्य। आज बकरियों को दक्षिण अमेरिका के अधिकांश भागों में उनके मांस और त्वचा के लिए पाला जाता है। बकरियों और घरों में बहुत ही समानता देखी गई है, लेकिन उनमें आज समानता के रुप में देखे तो बकरियों की पूंछ भेड़ों की पूंछ से लंबी होती है, जो इनके बीच की सबसे बड़ी असमानता है।
बकरियों से जुड़ी कुछ बकरियों से जुड़ी कुछ खास बातें- बकरियों का वैज्ञानिक नाम Capra Aegagrus Hircus है। बकरियां मुख्य रूप से शाकाहारी स्तनधारी प्राणी है। इन का आकार 40 से 80 सेंटीमीटर के बीच हो सकता है तथा इनका वजन 50 से 70 किलोग्राम के बीच हो सकता है। बकरियों के दौड़ने की अधिकतम गति 17 किलोमीटर प्रति घंटा मापा गया है। इनका जीवन काल 10 से 15 साल के बीच हो सकता है। बकरियां हमेशा झुंड में रहना पसंद करती हैं।
बकरियों से जुड़ी कुछ बकरियों से जुड़ी कुछ खास बातें- बकरियों का वैज्ञानिक नाम Capra Aegagrus Hircus है। बकरियां मुख्य रूप से शाकाहारी स्तनधारी प्राणी है। इन का आकार 40 से 80 सेंटीमीटर के बीच हो सकता है तथा इनका वजन 50 से 70 किलोग्राम के बीच हो सकता है। बकरियों के दौड़ने की अधिकतम गति 17 किलोमीटर प्रति घंटा मापा गया है। इनका जीवन काल 10 से 15 साल के बीच हो सकता है। बकरियां हमेशा झुंड में रहना पसंद करती हैं।
Nice
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