BLUE WHALE ब्लू व्हेल
ब्लू व्हेल व्हेलो की सबसे बड़ी जाती है, जो दुनिया भर में सबट्रॉपिकल और ध्रुवीय जगहों के पानी में पाया जाता है। व्हेलो की कुछ जातियां 100 फिट तक लंबी हो सकती हैं। इसके साथ ही ब्लू व्हेल को दुनिया का सबसे बड़ा प्राणी होने का ख्याति प्राप्त है। पूरे विश्व में ब्लू व्हेल की तीन उपजातियां पाई जाती है-पहला साउथ ब्लू व्हेल दूसरा नॉर्थन ब्लू व्हेल और तीसरा पिग्मी ब्लू व्हेल। बड़े आकार और धीमी वयस्कता के कारण ब्लू व्हेल की संख्या बहुत ही सीमित है और दूसरा कारण यह भी है, कि लगभग 100 सालों से मानव द्वारा लगातार इनका शिकार किया जाना है। लेकिन अब व्हेल के शिकार पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
व्हेल का शरीर अत्याधिक लंबा पतला और स्लिम होता है, जिसकी वजह से यह पानी के धाराओं को सरलता से काटते हुए आगे निकलती है। इनका हेयरलैस स्क्रीन स्मूथ और ग्रे नीले रंग का होता है। गले के नीचे छोटे-छोटे प्लेट लगे होते हैं, जो इनके शरीर को इनके आकार से 4 गुना अधिक फेलाने की क्षमता प्रदान करता है।
ब्लू व्हेल व्हेलो की सबसे बड़ी जाती है, जो दुनिया भर में सबट्रॉपिकल और ध्रुवीय जगहों के पानी में पाया जाता है। व्हेलो की कुछ जातियां 100 फिट तक लंबी हो सकती हैं। इसके साथ ही ब्लू व्हेल को दुनिया का सबसे बड़ा प्राणी होने का ख्याति प्राप्त है। पूरे विश्व में ब्लू व्हेल की तीन उपजातियां पाई जाती है-पहला साउथ ब्लू व्हेल दूसरा नॉर्थन ब्लू व्हेल और तीसरा पिग्मी ब्लू व्हेल। बड़े आकार और धीमी वयस्कता के कारण ब्लू व्हेल की संख्या बहुत ही सीमित है और दूसरा कारण यह भी है, कि लगभग 100 सालों से मानव द्वारा लगातार इनका शिकार किया जाना है। लेकिन अब व्हेल के शिकार पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
व्हेल का शरीर अत्याधिक लंबा पतला और स्लिम होता है, जिसकी वजह से यह पानी के धाराओं को सरलता से काटते हुए आगे निकलती है। इनका हेयरलैस स्क्रीन स्मूथ और ग्रे नीले रंग का होता है। गले के नीचे छोटे-छोटे प्लेट लगे होते हैं, जो इनके शरीर को इनके आकार से 4 गुना अधिक फेलाने की क्षमता प्रदान करता है।
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